Chapter-4
सरकारी धन राशियों की प्राप्ति इसकी अभिरक्षा
एवं इस धनराशि का कोषागार में भुगतान
I सामान्य नियम
नियम 42: सरकारी धन को प्राप्त करने की विधि:
- सरकारी बकाए, कार्यालय में या कोषागार में या बैंक में चेक, बैंक ड्राफ्ट, बैंकर चेक, पोस्टल आर्डर, मनीआर्डर, ई-पेमेंट के रुप में या नकद में स्वीकार की जाएंगी।कार्यालय में यदि नकद राशि प्राप्त की जा रही है तो वह 500/- से अधिक नहीं होगी। (आदेश दिनांक 29.11.2007 द्वारा प्रतिस्थापित )
- भूमि मालिकों द्वारा राजस्व, पटवारियों द्वारा लाए गए अंय बकाया/संग्रह, तहसील या उपतहसीलों द्वारा प्रत्येक मामले में 500/- तक स्वीकार किया जाएगा तथा उन्हें बैंक या उपकोषागार में जमा कराया जाएगा।
नियम 43: सिक्के नोट आदि की प्राप्ति:सरकारी बकाया की प्राप्ति सिक्को या नोटों में ही वसूल की जाएगी
नियम 44: सरकारी बकाया की चेक से प्राप्ति :
१. जहां कोषागार का नकद कारोबार बैंक द्वारा संचालित होता है वहां राजकीय लेन-देन में रेखांकित एवं account payee चेक भी स्थानीय बैंक द्वारा स्वीकार किए जाएंगे।प्रारंभ में प्रपत्र G.A.52 मैं केवल चेक प्राप्त करने की ही रसीद दी जाएगी, चेक का क्लियरेंस हो जाने के बाद भुगतान प्राप्ति की औपचारिक रसीद भुगतान प्राप्त कर्ता के पते पर भेज दी जाएगी।बैंक के कलेक्शन चार्जिस बैंक द्वारा चैक प्रस्तुत करने वाले पक्षकार से ही वसूल किए जाएंगे। चैक बाउंस होने पर सरकार ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही भी कर सकती है।
किसी निश्चित तिथि तक भुगतान योग्य सरकारी राशि को उसके भुगतान के अंतिम तिथि से पूर्व के कार्य दिवस तक की चेक द्वारा प्राप्त किया जा सकता है
२. बैंक ड्राफ्ट/बैंकर्स चेकों द्वारा सरकारी बकाया की प्राप्ति:
- जिस दिन व्यक्ति चेक/बैंक ड्राफ्ट/बैंकर्सचेक सरकार की ओर से राशि प्राप्त करने के लिए प्राधिकृत सरकारी कर्मचारी/बैंक को सौंप देगा वही भुगतान की तिथि मानी जाएगी।
नोट : GF&AR का उपर्युक्त नियम 44(2) वित्त विभाग के परिपत्र संख्या 20/2013 दिनांक 11.09.2013 द्वारा प्रतिस्थापित कर इसके बाद नया नियम 44(3) जोड़ा गया
३. IFMS के अंतर्गत राजकीय प्राप्तियों को इलेक्ट्रॉनिक एकाउंटिंग सिस्टम के अनुसार प्राप्त कर जमा करना(E-GRAS) :
a.) e-GRAS(गवर्नमेंट रिसिप्ट एकाउंटिंग सिस्टम) के अनुसार प्राप्तियों की वसूली:
- ई ग्रास की साइट पर लॉग इन करके ई चालान तैयार करने के लिए निर्धारित सूचनाएं भरनी होंगी
- भुगतानकर्ता इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग करके सरकार के ई-कोषागार खाते में भुगतान जमा करेगा जिससे IFMS के द्वारा भुगतानकर्ता को चालान आइडेंटिफिकेशन नंबर(CIN) आवंटित किया जाएगा
- बैंक की वेबसाइट पर GRN व CIN,दोनों के अंकन वाली साइबर रसीद बनेगी जिसका प्रिंट लिया जा सकेगा। यह भुगतानकर्ता के खाते से भुगतान का प्रमाण है
- भुगतानकर्ता को अब फिर से ई ग्रास पर निर्देशित कर दिया जाएगा जहां उसका चालान उपलब्ध होगा
- निर्धारित जांच एवं प्रमाणन के बाद बैंक सभी ई -प्राप्तियों को ई -फोकल प्वाइंट शाखा में एकत्र करेगा और फाइल RBI को प्रस्तुत करेगा।
नोट : इंटरनेट बैंकिंग के वक्त जब भुगतानकर्ता को बैंक की वेबसाइट पर स्थानांतरित कर दिया जाए तब जो भी लेन देन होगी उसके लिए संबंधित बैंक उत्तरदाई होगा, प्रतिभागी बैंक के सरवर से सरकार के सरवर पर ‘सफलतापूर्वक’ पूर्ण होने का संदेश अपडेट होने के पश्चात बैंक उस भुक्तान के होने के संबंध में कोई विवाद नहीं करेगा
b.) e-GRAS से मैनुअल भुक्तान:
- मैनूअली ई ग्रास की वेबसाइट से चालान की प्रति का प्रिंट लेकर उस नमूने में सभी सूचनाएं भरकर उसे बैंक में जमा करना होगा
c.) रिफंड की प्रक्रिया:
- DDO द्वारा ऐसे दावे संबंधित कोषागार /उपकोषागार को GRN व CIN नंबर सहित प्रस्तुत किए जाएंगे। ई – कोषागार द्वारा इस रिफंड का प्रथक से रिकॉर्ड रखा जाएगा। कोषागार ऑनलाइन प्राप्तियों के साथ साथ मैनुअल प्राप्तियों के रिफंड का रिकॉर्ड भी रखेंगे
d.) विभाग की भूमिका:
- प्राप्तियों की प्रमाणिकता की जांच एवं रिफंड की प्रक्रिया के लिए विभाग उत्तरदाई है
- संबंधित विभाग अपने करदाताओं/भुगतानकर्ता को ई-चालान जनरेट करने या ऑनलाइन लेनदेन करने में सहायता के लिए विभाग के परिसर में कंप्यूटर स्थापित कर सकता है
e.) बैंकिंग व्यवस्थाएं:
- सभी प्रतिभागी बैंक सुनिश्चित करेंगे की सरकारी जमाओं को दैनिक आधार पर अपलोड/ रिजर्व बैंक को रिपोर्ट कर दिया जाए ताकि राशि सरकार के खाते में जमा हो जाए
- सभी प्रतिभागी बैंक उचित समयावधि में सरकारी प्राप्तियों को सरकारी खाते में जमा करने के लिए उत्तरदाई हैं कनेक्टिविटी की समस्या के लिए भी वही उत्तरदाई हैं
- सरकार व RBI के लिए प्रतिभागी बैंक की ई -फोकल पॉइंट शाखा नोडल शाखा होगी
- ऑनलाइन कर के संग्रहण व ई -कोषागार के लिए प्रत्येक प्रतिभागी बैंक को अपनी एक शाखा को ई-फ़ोकल पॉइंट शाखा के रुप में अधिकृत करना होगा,यहां भौतिक चालानों को भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में ग्रहण किया जाएगा
- ई-कोषागार द्वारा सिस्टम जनरेटेड डेली रिपोर्ट के आधार पर ऐसे ई – लेन देन जिनका भुगतान नहीं हो सका है के लिए प्रतिभागी बैंक ही उत्तरदाई होगा।
- जैसे ही कोई लेन देन पूर्ण होगा उसकी सूचना बैंक द्वारा ई – ग्रास की वेबसाइट पर दी जाएगी।
- सभी बैंक सफल लेन देन के विशिष्ट ID नंबर के साथ ई -स्क्रॉल व भौतिक- स्क्रॉल प्रतिदिन ई -कोषागार को प्रस्तुत करेंगे
II. रसीद बुकों का प्रारूप एवं अभिरक्षा
नियम 45: रसीद बुको का प्रारूप:
- प्रारूप G.A 55 तथा शिक्षा विभाग के लिए G.A 56 मैं मशीन से संख्याकित रसीद बुके राजकीय मुद्रणालय से प्राप्त की जाएंगी
- रसीद बुक के प्रपत्रों की संख्या गिनकर आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे
- निर्धारित प्रपत्र में रसीद बुकों की प्राप्ति निर्गम एवं शेष का उचित लेखा रखा जाएगा
नियम 46: भुगतानकर्ता को रसीद देना:
- सरकार की ओर से राशि प्राप्त करने वाला सरकारी कर्मचारी भुगतानकर्ता को एक रसीद देगा। रसीद पर कार्यालय अध्यक्ष या उसके द्वारा विधिवत प्राधिकृत राजपत्रित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। वह अधिकारी रसीद पर हस्ताक्षर करते समय तथा प्रतिपर्ण पर लघु हस्ताक्षर करते समय यह सुनिश्चित करेगा की राशि का रोकड़ पुस्तिका में उचित रुप से इंद्राज कर लिया गया है
- कुछ अराजपत्रित सरकारी कर्मचारी जैसे खजांची, लेखाकार /कनिष्ठ लेखाकार, आबकारी आयुक्त, तहसील राजस्व लेखाकार ,पटवारी, तहसीलदार की अनुपस्थिति में नायब तहसीलदार या अन्य प्राधिकृत अराजपत्रित सरकारी कर्मचारी, देवस्थान विभाग के प्रबंधक आदि रसीद पर हस्ताक्षर कर सकेंगे।
नियम 47: रसीदों की डुप्लीकेट जारी करना:
- कोई भी सरकारी कर्मचारी प्राप्त की गई धनराशि के लिए दी गई रसीदों की डुप्लीकेट इस अभीकथन के आधार पर जारी नहीं करेगा की मूल प्रति खो गई है। परंतु आवश्यकता होने पर सरकार द्वारा निर्धारित फीस जमा कराने पर उक्त राशि को प्राप्त करने का प्रमाणपत्र जारी किया जा सकता है।
III. नकद का कार्य करने वालों के लिए निर्देश
नियम 48: सरकारी धन राशियों का लेखांकन:
- सरकार की ओर से राशि प्राप्त करने वाला प्रत्येक सरकारी कर्मचारी प्रपत्र G.A 48 मैं रोकड़ पुस्तिका तथा प्रपत्र G.A 51 मैं मनीऑर्डर, चेक,ड्राफ्ट आदि का एक रजिस्टर संधारित करेगा
- सभी धन संबंधी लेनदेन जैसे ही पूरे हो जाएं रोकड़ पुस्तिका में दर्ज किए जाएंगे तथा जांच करने के प्रमाण स्वरूप कार्यालय अध्यक्ष द्वारा उन्हें अभिप्रमाणित किया जाएगा
- रोकड़ पुस्तिका प्रतिदिन बंद की जाएगी तथा रसीद , रसीद शुदा चलाना एवं वाउचर से कनिष्ठ लेखाकार / लेखाकार एवं कार्यालय अध्यक्ष द्वारा उसकी जांच की जाएगी
- रोकड़ पुस्तिका में ओवर राइटिंग करना मना है ,गलती होने पर लाल स्याही से शुद्ध प्रविष्टि दर्ज कर कार्यालय अध्यक्ष द्वारा लघु हस्ताक्षर किए जाएंगे वह नीचे दिनांक अंकित की जाएगी
- सरकारी कर्मचारी को दिए गए अग्रिम(छुटपुट व्ययों की पूर्ति के लिए), रोकड़ शेष का एक भाग होंगे। कार्यालय अध्यक्ष यह देखेगा कि सरकारी कर्मचारी को दिए गए अग्रिमों को लेखा बद्ध किए बिना नहीं रखा गया है तथा उसका समायोजन एवं वसूली समय पर कर ली गई है
- माह के अंत में हस्तस्थ नकद शेष का मासिक ब्यौरा निकाला जाएगा तथा रोकड़ पुस्तिका में उसे दिखाया जाएगा।सरकारी कर्मचारी को दिए गए अस्थाई अग्रिम का ब्योरा सरकारी कर्मचारियों के नामों के साथ दिया जाएगा तथा ऐसे अग्रिम के भुगतान की तारीख भी दर्ज की जाएगी।
- दिन के अंत में रोकड़ पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने वाला कर्मचारी उस दिन की समस्त प्रविष्टियों के सही होने के लिए पूर्णतया उत्तरदाई होगा।
नियम 49: गैर-सरकारी राशि को सरकारी राशि के साथ नहीं मिलाया जाएगा:
- जहां किसी विशेष स्वीकृति के अधीन कोई सरकारी कर्मचारी अपनी पदीय हैसियत में सरकारी एवं गैरसरकारी राशि दोनों का लेनदेन करता है वहां सरकारी राशि को गैर सरकारी राशि से प्रथक रोकड़ पुस्तिका में रखा जाएगा
नियम 50: गैर-सरकारी राशि का लेन-देन: सरकारी कर्मचारी द्वारा उसकी पदीय स्थिति में प्राप्त गैर सरकारी राशि पब्लिक अकाउंट के बाहर नहीं रखी जाएगी इसका लेन-देन निम्न तरीके से किया जाना चाहिए-
- गैर-सरकारी राशि का लेनदेन करने वाले सरकारी कर्मचारी को कोषागार विशेष में विभागाध्यक्ष के मार्फत कोषाधिकारी की अनुमति से एक वयक्तिक जमा (P.D.) खाता खोलना चाहिए।
- समस्त गैर सरकारी राशि जैसे ही प्राप्त हो कोषागार में खोले गए P.D. खाते में तुरंत जमा करा दी जानी चाहिए।
- ऐसी राशि /निधि का लेखा सरकारी राशि के लेखों से पूर्ण रुप से अलग रखा जाएगा इस प्रयोजन के लिए प्रपत्र G.A 50 में एक पृथक रोकड़ पुस्तिका संधारित की जाएगी।
- डाक द्वारा प्राप्त समस्त चेकों एवं समस्त मनीऑर्डर को पहले G.A 51 में संधारित मनीऑर्डर,चेक,ड्राफ्ट आदि के रजिस्टर में तुरंत दर्ज किया जाएगा इसके बाद उन्हें रोकड़ पुस्तिका में दर्ज किया जाएगा एवम उन पर कार्यालय या संस्था के अध्यक्ष के द्वारा लघु हस्ताक्षर किए जाएंगे। चेक अथवा बैंक ड्राफ्ट की प्रविष्टि बैंक से भुगतान प्राप्त होने के पश्चात की जाएगी।
- कोषागार से राशि का आहरण P.D. खाता परिचालित करने वाले अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित चेक से किया जाएगा
- निधि को परिचालित करने वाला अधिकारी ऐसे लेन देन का हिसाब रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदाई होगा
- ऐसी निधियों के विस्तृत लेखों की महालेखाकार/निदेशक, स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग, राजस्थान द्वारा लेखा परीक्षा की जाएगी
नियम 51: नकद शेष का सत्यापन:
- प्रत्येक माह के अंत में कार्यालय अध्यक्ष रोकड़ पुस्तिका में नकद शेष को सत्यापित करेगा तथा इस संबंध में प्रमाण पत्र अभिलिखित करके उस पर अपने हस्ताक्षर मय दिनांक करेगा
- कार्यालय अध्यक्ष माह में एक बार आकस्मिक जांच भी करेगा तथा रोकड़ पुस्तिका में नकद शेष का भौतिक सत्यापन करेगा एवं इस संबंध में प्रमाण पत्र अभिलिखित करके उस पर अपने हस्ताक्षर मय दिनांक करेगा
- विभागाध्यक्ष/कार्यालय अध्यक्ष के नकद शेषो की तिमाही आकस्मिक जांच निम्न द्वारा की जा सकेगी-
१. विभागों में पदस्थापित वित्तीय सलाहकार /मुख्य लेखाधिकारी /वरिष्ठ लेखाधिकारी /लेखाधिकारी या सहायक लेखाधिकारी एवं
२. निदेशक, निरीक्षण विभाग, राजस्थान (आदेश दिनांक 28-05-2005 द्वारा प्रतिस्थापित) के कार्यालय के निदेशक /उपनिदेशक/ सहायक लेखाधिकारी/आंतरिक जांच दल का प्रभारी।
ऐसे सत्यापन/आकस्मिक जांच के परिणाम प्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रथम सप्ताह में वित्त विभाग को अग्रेषित किए जाएंगे
नियम 52: सुरक्षा व्यवस्था:
- कार्यालय अध्यक्ष /आहरण वितरण अधिकारी, राशि को जमा करवाने के लिए बैंक में ले जाने या कार्यालय उपयोग के लिए बैंक से राशि लाने के लिए समुचित सुरक्षा प्रबंधों का बंदोबस्त करेगा
नियम 53: नकद राशि की अभिरक्षा:
- सरकारी राशि जो किसी कोषागार या बैंक की अभिरक्षा में नहीं है एक तिजोरी में रखी जाएगी जिसमें अलग अलग पैटर्न के दो ताले होंगे
- विभागीय तिजोरियों की डुप्लीकेट चाबियां कार्यालय अध्यक्ष द्वारा सिल कर उसके अगले उच्चतर प्राधिकारी की अभिरक्षा में रखी जाएंगी। प्रपत्र G.A 51 में एक डुप्लीकेट चाबी रजिस्टर संधारित किया जाएगा तथा प्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रथम माह में चाभियों को जांच के लिए प्राप्त किया जाएगा तथा अपनी ताजा सील लगाकर अगले उच्चतर प्राधिकारी को लौटा दी जाएगी तथा रजिस्टर पर टिपणी लिखी जाएगी कि वह सही पाई गई है
- जब विभागीय तिजोरी को अक्षय अभीरक्षा के लिए कोषागार में रखा जाता है तो इन तिजोरियों की चाबियां आहरण एवं वितरण अधिकारी के पास रखी जाएंगी और उसके लिए वही उत्तरदाई होगा ना कि कोषागार अधिकारी
IV. कोषागार में भुगतान
नियम 54 :
- कोषागार या बैंक में राशियों का भुगतान नकद ई-पेमेंट, चेक, बैंक ड्राफ्ट, बैंकर चेक एवं पोस्टल आर्डर से किया जाएगा। (वित्त विभाग के आदेश दिनांक 29.11.2007 द्वारा प्रतिस्थापित)
- चालान: कोई भी व्यक्ति जो सरकारी लेखा व कोषागारे बैंक में राशि का भुगतान करता है वह प्रपत्र G.A 57 में एक चालन प्रस्तुत करेगा जिसमें भुक्तान की प्रकृति, व्यक्ति या सरकारी अधिकारी जिसके लेखे में भुगतान किया गया है ,सूचना का ब्यौरा दिया जाएगा। विभिन्न लेखाशिर्ष में जमा करने योग्य राशियों के लिए प्रथक प्रथक चालन उपयोग में लिए जाएंगे।
ई पेमेंट के मामले में भौतिक चालन अपेक्षित नहीं होगा इसके बजाय प्रायः भौतिक चालन से प्राप्त ब्योरे इ-पेमेंट की सूची में सम्मिलित किए जाएंगे (आदेश दिनांक 29.11.2007)
नियम 55: चालानों की प्रतियां:
- इन नियमों में अन्यथा उपबंधित ना होने पर चालान दो प्रतियों में प्रस्तुत किए जाएंगे
- कोषागार में राशि भुगतान करने वाले व्यक्ति को चालान जमा कराने के प्रमाण के रूप में चालान की एक प्रति संबंधित विभागीय अधिकारी को प्रस्तुत करना हो तो चालान तीन प्रतियों में प्रस्तुत किए जाएंगे (नियम 56 की परिस्थितियों के अलावा)
नियम 56: विभागीय अधिकारियों द्वारा चालान पर हस्ताक्षर:
- जब उसी स्थान पर जिस पर भुगतान से संबंध रखने वाला विभागीय अधिकारी का कार्यालय है ,कोषागार में किसी निजी व्यक्ति द्वारा राशि जमा कराई जाती है तो चालन को बैंक या कोषागार में प्रस्तुत किए जाने से पहले उस पर उस विभागीय अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे।ऐसे चालान कोषागार अधिकारी के हस्तक्षेप के बिना सीधे बैंक में प्रस्तुत किए जाएंगे।
- चालानों पर उन अराजपत्रित सरकारी कर्मचारियों द्वारा भी हस्ताक्षर किए जा सकेंगे जिन्हे सरकार द्वारा प्राधिकृत किया जाए। वर्तमान में आबकारी निरीक्षक बालोतरा को आबकारी राजस्व के लिए एवम बीमा सहायकों को पंचायत समिति स्थानीय निकायों के राज्य बीमा की जमाओ के चालानों पर हस्ताक्षर करने के लिए प्राधिकृत किया गया है।
नियम 57: चालानो के विषेश प्रपत्र:
- निम्न प्रकार के राजकीय बकाया को जमा कराने हेतु विशेष प्रपत्रों में प्रस्तुत चालानों को बैंक द्वारा विभागीय अधिकारियों के हस्ताक्षर के बिना ही स्वीकार किया जा सकेगा- बिक्री कर, मनोरंजन कर, विज्ञापन कर, विलासिता कर, आबकारी बकाया, सिंचाई का बकाया, भूमि एवं भवन कर, आयकर, कृषि आयकर, रोड टैक्स ,स्टांप तथा पंजीयन शुल्क, सरकार द्वारा प्राधिकृत अन्य प्रकार के बकाया।
- नोट : चालान के छापे हुए प्रपत्र विभागीय अधिकारी/ कोषागार अधिकारी द्वारा निशुल्क वितरित किए जाएंगे।
e-GRAS के तहत बनाई गई इ-चालानों को प्राधिकृत बैंक की शाखाएं स्वीकार करेंगे।
V. अन्य प्रावधान
नियम 58: भुगतान के लिए रसीदों को सीधे उपयोग में लेना: सरकार की विशेष अनुमति के बिना कोई भी प्राधिकारी उसके कार्यालय की प्राप्तियों को सीधे अपने स्तर पर खर्च करने में सक्षम नहीं होगा।
नियम 59: कोषागार के लेखों से मिलान: कार्यालय अध्यक्ष / आहरण वितरण अधिकारी एक माह में कोषागार में प्रेषित प्राप्तियों का एक विवरण तैयार कराएगा तथा माह के समाप्त होने के बाद, माह के दौरान कोषागार में जमा कराई गई राशि की शुद्धता के प्रमाण के लिए कोषागार की शेड्यूल से उसका मिलान करेगा। कोषागार अधिकारी अपने अभिलेख में इस प्रकार प्रस्तुत किए गए विवरण का मिलान कर तथा उस पर अपने हस्ताक्षर कर लौटा देगा यदि कोई भी विसंगति पाई जाएगी तो विभागीय अधिकारि उसे शुद्ध करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगा
नियम 60: खजांची या राशि प्राप्त करने एवं संभालने के लिए अधिकृत व्यक्ति की जिम्मेदारी :
- राशि की प्राप्ति एवं उसकी उचित रसीद देना
- रसीद/ रसीदी चालानों एवं वाउचर एवं अंय सहायक लेखा अभिलेखों से रोकड़ पुस्तिका में लेखांकन एवं उनकी उचित अभिरक्षा एवम संधारण
- बैंक/ कोषागार में राशि ले जाना एवं वहां से राशि लाना
- बिलो / वाउचर ,उपयोग में ली गई तथा खाली रसीद बुक/चेक बुको आदि की अभीरक्षा
- कार्यालय व्यय /सामान की खरीद के लिए सरकारी कर्मचारियों को दिए गए अग्रिम का समायोजन
- नगदी संबंधी अन्य कोई कार्य जो कार्यालय अध्यक्ष/ आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा सौंपे जाएं।